RBI Governor Update: Sanjay Malhotra भारतीय रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर के रूप में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजय मल्होत्रा ने 11 दिसंबर 2024 को कार्यभार संभाला। वे आरबीआई के 26वें गवर्नर बने हैं RBI Governor, Sanjay Malhotra और उनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा।
संजय मल्होत्रा ने वित्तीय समावेशन, मौद्रिक नीति की स्थिरता, और डिजिटल इनोवेशन को प्राथमिकता देने का संकल्प व्यक्त किया है। साथ ही, मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और खाद्य मूल्यों को स्थिर रखना उनके मुख्य एजेंडा में शामिल है। आइए विस्तार से समझते हैं उनके कार्यकाल के मुख्य पहलू।

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प्राथमिक एजेंडा

मुद्रास्फीति पर नियंत्रण:
मल्होत्रा ने मुद्रास्फीति को आरबीआई के लक्ष्यों के अनुरूप बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने विशेष रूप से खाद्य और ऊर्जा मूल्य स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया है।

डिजिटल करेंसी और फिनटेक:
आरबीआई के डिजिटल करेंसी (CBDC) प्रोजेक्ट को और मजबूत करने के लिए मल्होत्रा नई नीतियां लागू करेंगे। फिनटेक उद्योग के साथ तालमेल उनके कार्यकाल की प्रमुख दिशा होगी।

वित्तीय समावेशन:
ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बनाना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके लिए तकनीकी समाधान और नए बैंकिंग मॉडल का उपयोग किया जाएगा।


संजय मल्होत्रा का परिचय, RBI Governor

शैक्षिक पृष्ठभूमि:
संजय मल्होत्रा ने IIT कानपुर से स्नातक और IIM अहमदाबाद से प्रबंधन में डिग्री प्राप्त की है। उनका शैक्षिक और व्यावसायिक अनुभव उन्हें वित्तीय क्षेत्र में उत्कृष्ट बनाता है।

कार्य अनुभव:
संजय मल्होत्रा पहले राजस्व सचिव के रूप में कार्यरत थे और उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में कई महत्वपूर्ण पद संभाले। उनका व्यापक अनुभव भारतीय वित्तीय प्रणाली को मजबूती प्रदान करेगा।

संजय मल्होत्रा की प्राथमिकताएं

  • डिजिटल पेमेंट्स का विस्तार:
    यूपीआई और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने का लक्ष्य।
  • कृषि क्षेत्र पर ध्यान:
    कृषि ऋण और निवेश को बढ़ावा देना।
  • छोटे और मध्यम उद्यम (SMEs):
    एमएसएमई सेक्टर को सस्ती वित्तीय सेवाएं प्रदान करना।

चुनौतियां और अवसर

आर्थिक सुधार:
महंगाई और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच आर्थिक स्थिरता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण रहेगा।

बैंकिंग सुधार:
एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) को नियंत्रित करना और बैंकों की कार्यक्षमता सुधारना उनकी प्राथमिकताओं में होगा।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा:
भारत को वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए मल्होत्रा नीतिगत सुधार करेंगे।


आरबीआई की नवीनतम घोषणाएं

मौद्रिक नीति समिति:
मुद्रास्फीति दर को 4% के आसपास रखने की योजना।

क्रिप्टोकरेंसी पर नीति:
क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए सख्त नियम लागू करने की संभावना।

आरबीआई की आगामी योजनाएं

संजय मल्होत्रा RBI Governor के नेतृत्व में आरबीआई वित्तीय समावेशन और डिजिटल इनोवेशन को बढ़ावा देगा। उनका दृष्टिकोण भारतीय अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का है।


आरबीआई की आगामी योजनाएं

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा RBI Governer के नेतृत्व में कुछ प्रमुख योजनाएं लागू की जाएंगी:

  • डिजिटल करेंसी का विस्तार:
    केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के पायलट प्रोजेक्ट को बड़े स्तर पर लागू करना और इसे सुरक्षित और उपयोगी बनाना।
  • मौद्रिक नीति में स्थिरता:
    मुद्रास्फीति को 4% के आसपास नियंत्रित रखना, जिससे उपभोक्ताओं और निवेशकों को राहत मिले।
  • फिनटेक और इनोवेशन:
    डिजिटल बैंकिंग और फिनटेक सेक्टर को प्रोत्साहन देना, जिससे अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता बढ़े।
  • ग्रीन फाइनेंस:
    पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए विशेष फंड और ऋण उपलब्ध कराना।
  • ग्रामीण बैंकिंग सुधार:
    ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़कर वित्तीय समावेशन को मजबूत करना।

निष्कर्ष:

संजय मल्होत्रा के गवर्नर बनने से भारतीय रिजर्व बैंक को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। उनकी नीतियां और सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे और “विकसित भारत” के सपने को साकार करने में मदद करेंगे।

आशा है कि यह लेख उपयोगी होगा। यदि आपके पास और सुझाव या प्रश्न हैं, तो हमें अवश्य बताएं।

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Frequently Asked Questions

यह आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होती है और नकदी का डिजिटल विकल्प प्रदान करती है।

गवर्नर मौद्रिक नीति तैयार करने, बैंकिंग प्रणाली की निगरानी, और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

यह उन परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता है जो पर्यावरण संरक्षण, हरित ऊर्जा, और जलवायु परिवर्तन से निपटने पर केंद्रित हैं।

डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार, अधिक शाखाएं खोलना, और वित्तीय जागरूकता अभियान चलाना प्रमुख उपाय हैं।

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