राष्ट्रीय सौर मिशन (National Solar Mission Kya Hai), जिसे जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (JNNSM) के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है। इस मिशन की शुरुआत नवंबर 2009 में की गई थी, और इसका मुख्य उद्देश्य भारत को सौर ऊर्जा उत्पादन में विश्व का अग्रणी देश बनाना है।
इस मिशन के तहत भारत को सौर ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करना प्रमुख लक्ष्यों में से एक है। यह मिशन भारत के राष्ट्रीय कार्य योजना जलवायु परिवर्तन (National Action Plan on Climate Change – NAPCC) का हिस्सा है।
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Overview : National Solar Mission Kya Hai
राष्ट्रीय सौर मिशन भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना और इसे सस्ती और व्यापक रूप से उपलब्ध कराना है।
इस मिशन के तहत भारत को सौर ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करना प्रमुख लक्ष्यों में से एक है। यह मिशन भारत के राष्ट्रीय कार्य योजना जलवायु परिवर्तन (National Action Plan on Climate Change – NAPCC) का हिस्सा है।
विषय का नाम | National Solar Mission Kya Hai |
विषय का प्रकार | सौर ऊर्जा उत्पादन |
विषय का उद्देश्य | भारत को सौर ऊर्जा उत्पादन में विश्व का अग्रणी देश बनाना है। |
जानकारी के लिए | कृपया पूरा Article पढ़े |
राष्ट्रीय सौर मिशन का उद्देश्य : National Solar Mission Kya Hai
राष्ट्रीय सौर मिशन के कुछ मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- सौर ऊर्जा क्षमता को बढ़ाना:
वर्ष 2022 तक भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 100 गीगावाट तक पहुंचाना और वर्ष 2030 तक इसे और अधिक बढ़ाना। - ऊर्जा में आत्मनिर्भरता:
आयातित जीवाश्म ईंधनों (कोयला, पेट्रोलियम) पर निर्भरता कम करना और सौर ऊर्जा के माध्यम से स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करना। - पर्यावरण संरक्षण:
ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करना और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में योगदान देना। - सौर ऊर्जा को किफायती बनाना:
सौर ऊर्जा को सस्ता और सुलभ बनाकर आम नागरिकों तक पहुंचाना। - रोजगार सृजन:
सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करना।
राष्ट्रीय सौर मिशन की प्रमुख विशेषताएं : National Solar Mission Kya Hai
1. तीन चरणों में क्रियान्वयन
राष्ट्रीय सौर मिशन को तीन चरणों में लागू किया गया है:
- पहला चरण (2010-2013):
इस चरण में ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाओं और छोटे सोलर पावर प्लांट्स की शुरुआत की गई। - दूसरा चरण (2013-2017):
सौर ऊर्जा क्षमता को बड़े पैमाने पर बढ़ाने और रूफटॉप सोलर पैनल्स को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। - तीसरा चरण (2017-2022):
इस चरण में सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य 100 गीगावाट तक बढ़ाना था, जिसमें ग्रिड आधारित परियोजनाओं के साथ-साथ ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम्स को भी बढ़ावा दिया गया।
2. सौर ऊर्जा पार्क
सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर सोलर पार्क की स्थापना की गई है। प्रमुख सोलर पार्कों में राजस्थान का भडला सोलर पार्क और गुजरात का चरंका सोलर पार्क शामिल हैं।
3. सोलर रूफटॉप योजना
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू और व्यावसायिक इमारतों पर सोलर पैनल स्थापित करने के लिए सरकार सब्सिडी प्रदान कर रही है।
4. सोलर उपकरण निर्माण
सौर ऊर्जा उपकरणों (जैसे सोलर पैनल और बैटरियां) के निर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए “मेक इन इंडिया” पहल के तहत घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया गया।
राष्ट्रीय सौर मिशन के फायदे : National Solar Mission Kya Hai
1. स्वच्छ ऊर्जा स्रोत:
सौर ऊर्जा 100% स्वच्छ, नवीकरणीय और प्रदूषण रहित ऊर्जा स्रोत है। यह जीवाश्म ईंधन की तुलना में पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता।
2. विद्युत संकट का समाधान:
सौर ऊर्जा के माध्यम से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी बिजली पहुंचाई जा सकती है, जहां ग्रिड कनेक्टिविटी नहीं है।
3. लंबी अवधि की लागत बचत:
सौर ऊर्जा एक बार स्थापित होने के बाद बिजली उत्पादन की लागत को बेहद कम कर देती है।
4. रोजगार के अवसर:
सोलर पावर प्लांट्स और सौर उपकरणों के निर्माण से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
राष्ट्रीय सौर मिशन के योजनाएं : National Solar Mission Kya Hai
- कुसुम योजना (KUSUM Yojana):
किसानों को सोलर पंप और ग्रिड कनेक्टेड सोलर पंप सेट प्रदान करना। - सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना:
घरों और कार्यालयों में सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार सब्सिडी प्रदान करती है। - सौर पार्क योजना:
सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए बड़े सोलर पार्कों की स्थापना। - सोलर स्ट्रीट लाइट योजना:
गांवों और शहरों में सौर ऊर्जा आधारित स्ट्रीट लाइट्स की स्थापना।
राष्ट्रीय सौर मिशन की चुनौतियां : National Solar Mission Kya Hai
- वित्तीय समस्याएं:
सोलर पावर प्लांट्स और उपकरणों की स्थापना में प्रारंभिक लागत अधिक होती है। - प्रौद्योगिकी पर निर्भरता:
भारत अभी भी सोलर पैनल्स और बैटरियों के लिए आयात पर निर्भर है। - भूमि की कमी:
सोलर पार्क स्थापित करने के लिए बड़ी मात्रा में भूमि की आवश्यकता होती है। - ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी:
सौर ऊर्जा उत्पादन को ग्रिड से जोड़ने में बाधाएं आती हैं।
राष्ट्रीय सौर मिशन में भारत की उपलब्धियां : National Solar Mission Kya Hai
- सौर ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि:
2010 में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता केवल 10 मेगावाट थी, जो 2023 में बढ़कर 70 गीगावाट हो गई। - वैश्विक नेतृत्व:
भारत ने 2015 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की स्थापना की, जिसका मुख्यालय गुरुग्राम में है। - सोलर पावर प्लांट्स:
भारत ने दुनिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्लांट्स (भडला सोलर पार्क) की स्थापना की है।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय सौर मिशन भारत की ऊर्जा क्रांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मिशन न केवल देश को स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा की ओर ले जा रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, रोजगार सृजन और ऊर्जा सुरक्षा में भी योगदान दे रहा है। हालांकि कुछ चुनौतियां हैं, लेकिन सही रणनीति और क्रियान्वयन से भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व कर सकता है| राष्ट्रीय सौर मिशन भारत के भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने का आधार है और यह हमारे देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में अहम भूमिका निभाएगा।
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Frequently Asked Questions
राष्ट्रीय सौर मिशन का मुख्य लक्ष्य क्या है?
इस मिशन का मुख्य लक्ष्य 2030 तक 280 GW सौर ऊर्जा उत्पादन करना और भारत को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
क्या आम नागरिक भी राष्ट्रीय सौर मिशन से लाभ उठा सकते हैं?
हां, आम नागरिक अपने घरों में सोलर पैनल लगाकर बिजली बिल में बचत कर सकते हैं और सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।
राष्ट्रीय सौर मिशन में कौन-कौन से क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है?
इस मिशन में मुख्य रूप से सोलर पावर प्लांट्स, रूफटॉप सोलर सिस्टम, और सौर उपकरणों के निर्माण को प्राथमिकता दी गई है।
राष्ट्रीय सौर मिशन का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह मिशन कार्बन उत्सर्जन को कम करके जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करेगा और पर्यावरण को अधिक स्थायी बनाएगा।